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  • आज भी कोई गुलाम हैं
    अगर आज भी कोई गुलाम है… अगर आज भी कोई दबा कुचला दलित है.. अगर आज भी कोई अपनी इक्ष्वाओ से वंचित हैं तो औरत है क्युकी बाप नाम के रिश्ते ने…Continue reading »
  • वक्त
    ये वक्त का घेरा है, कहीं धूप कहीं छाव, कहीं दिन कहीं अंधेरा है, ये वक्त का घेरा है. मिलेंगे कभी हम भी वक्त से, बात भी होगी मुलाकात भी होगी, जो…Continue reading »
  • हे! मानव तू सूर्य सा उगना सिख
    हे! मानव तू सूर्य सा उगना सीख हे! तू सूर्य सा झुकना सीख, ना कर अहं शिखर पर होने का , ना कर शोक समतल पर सोने का। हे ! मानव तू…Continue reading »